ये जीने की ख्वाहिश,ये मरने की चाहत l ये कमाने की ज़िम्मेदारी,ये सपनो की आहट। ये अपनो की शक्लें, ये गैरो की रवायत। ये लोगो का जलना, ये अपनो का बदलना। ये चेहरे से मुस्कुराना, ये अन्दर की घबराहट। ऊब गया हूँ इन सब से..एक ज़िन्दगी और चाहिये...॥ #जिंदगी #इल्तजा