कैसे उसको कहूं कि बिन कहे कुछ करे वह मेरा है मगर है खिलाफत में मेरे ख्वाहिशें पूरी करने का इरादा है रखता मगर अनजाने में है वो बगावत में मेरे इश्क करने को वो भी है बड़ा बेकरार शरीफजदा बैठा है बस इजाजत में मेरे ©Poetic Pandey G #Poetic_Pandey