White थक जाओ जब सफ़र में चलते चलते दो पल चैन की खातिर सिर रखने को उस के पांव चाहती हो ज़िंदगी ने तपिश ही दी तुम को उसी की छांव चाहती हो तुम्हें आता हैं अकेले लड़ना फिर भी जो सिर्फ तुम्हारा हो तुम वो पड़ाव चाहती हो नहीं आया कभी आड़े कोई तुम पर बलाओं के जो बिन सोचें ही डट जाए तुम वो चाव चाहती हो तुम्हें छू सकने को बेताब है बाहे कितनी जो तुम्हारी रूह में बसना चाहे तुम वो खालिस मासूम सा लगाव चाहती हो तुम परख लेती हो साए मग़र,फिर भी वो अगर साथ दे,तो कमअक्ल बन जाना बेहिसाब चाहती हो तुम कैसे आई...??? इस दौर में आख़िर,ये कहो यहां मतलब से यारी है तुम बेवजह इकतरफा सा प्यार चाहती हो जो तुम्हे थाम सके उमर भर के लिए तुम वो हाथ चाहती हो ना उकता जाए बाहे,जिसकी तुम्हारी खराशें देख कर,तुम वो मुकम्मल साथ चाहती हो कितनी बेवकूफ हो बेबाक,तुम भी ज़र्फ़ ज़मीन का भी नहीं और हिस्से में आसमान चाहती हो..... ©ashita pandey बेबाक़ #sad_quotes लव शायरी हिंदी में लव सैड शायरी