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सुनहूं रघुनाथ के, प्रिय भक्त हनुमंता। हरहूं मम कष्

सुनहूं रघुनाथ के, प्रिय भक्त हनुमंता।
हरहूं मम कष्ट, बनाहूं मम मन संता।

©Narendra kumar #hanumanjayanti
सुनहूं रघुनाथ के, प्रिय भक्त हनुमंता।
हरहूं मम कष्ट, बनाहूं मम मन संता।

©Narendra kumar #hanumanjayanti
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Narendra kumar

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