White Part :- 04 **आप सोचते होंगे ना, क्या बात उसमें खास है? क्या जानने की बढ़ रही प्यास है? तो चलो मैं भी बतलाता हूँ, थोड़ा रोकर भी मुस्काता हूँ। बस मेरे लिए वो प्यारी है, शब्दों में लिखना भारी है। उसे देखकर यूं लगता है, रब मेरी ख्वाहिश समझता है। अरे शब्दों में जिसके शक्कर है, नहीं बैठने देती थककर है। जो कभी देख मुस्काए वो, बादल बनकर छा जाए वो। मैं भीग जाता हूँ प्यार में, जैसे माँझी कोई मझधार में। बस-बस, अब और तारीफ़ मुझसे न हो पाएगा , नहीं तो आपको भी मेरी साथी से फिर प्यार हो जाएगा। और मुझसे मत पूछो, कैसा मौसम होता बहार का। मैं तो उससे मिलकर जाना हूँ, क्या मतलब होता प्यार का।** - वीरा अनजान , ©Bir Bahadur Singh #Sad_Status one sided love shayari