Nojoto: Largest Storytelling Platform

"आसमां में घीरें जब भी काली घटाएं वक्त का पहिया थम

"आसमां में घीरें जब भी काली घटाएं
वक्त का पहिया थम सा जाए 
मन खो जाए यादों में उसकी
इक चंचल निश्छल रमणी
जो भींगती बारिश में बाहें फैलाए"

'निश्छल रमणी' कविता से

©Kirbadh
  #Remember  प्यार पर कविता प्रेम कविता कविता कोश कविताएं
kirbadh6516

Kirbadh

New Creator
streak icon2

#Remember प्यार पर कविता प्रेम कविता कविता कोश कविताएं

171 Views