मोम के जैसे जलना पिघलना मेरा, जुड़ के बाती से रहना गुण हैं मेरा, हर कदम पर सहना क्यों सिखाया गया, ए दर्पण बता क्या है जीवन मेरा। माधवी मधु ©madhavi madhu #Light poetry lovers poetry in hindi hindi poetry on life poetry quotes poetry on love