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सुनो ! सुन रही हो न तुम ,तेरी याद बहुत आती है, 

सुनो !

सुन रही हो न तुम ,तेरी याद बहुत आती है, 

शाम गर्म चाय की प्याली, तुम्हारे बिना, 

अब कुछ  भाता नहीं, देखो तुम बिन ये ,

आंगन है सुना ,रोता है चांद हर कोना कोना, 

हर हाल में हर बात पर, साथ दिया मेरा 

टूटी बिखरी राहों में भी, साथ दिया मेरा

काश!

©Karuna Singh
  #humantouchज़िंदगी