एक प्रतिष्ठित प्रतिज्ञा मां की होती है अपने जीवन काल में वह केवल अपनी संतानहित हेतु कई कठिनाईयों से होकर गुजरती है अनवरत विकास की ओर उसकी संतान उन्मुख हो सिर्फ यही चाहती हैं।। मां का लाड दुनिया का वह रत्न जो समस्त मनुष्य को मिलता है हां उन्हें जिनको मां का प्यार नहीं मिलता शायद कहना उचित नहीं परंतु सच में उनको भी अत्यंत कमी महसूस होती है, आज का युवा वर्ग मां के एहसास को समझना नहीं चाहता लेकिन जीवन की पराकाष्ठा तो मां के पेरों में है अगर समय मिले तो कभी मां के पैरों के संग हाथों को चूमना और उन्हें भी गले लगाना क्योंकि दुनिया की हर एक मां बस यही चाहती है मां मेरी भी है और ऐसा दुनिया में मैं कहीं भी रहूं पर मैं बस यही चाहती हूं कि मां का हाथ मेरे सिर पर यूं ही रहे आशिर्वाद के रूप में और मैं उनके आंचल में अपने सुख दुख को उनके संग ही रहूं।। ©Shilpa yadav #snowpark #motherlove#एक प्रतिष्ठित प्रतिज्ञा मां की होती है अपने जीवन काल में वह केवल अपनी संतानहित हेतु कई कठिनाईयों से होकर गुजरती है अनवरत विकास की ओर उसकी संतान उन्मुख हो सिर्फ यही चाहती हैं।। मां का लाड दुनिया का वह रत्न जो समस्त मनुष्य को मिलता है हां उन्हें जिनको मां का प्यार नहीं मिलता शायद कहना उचित नहीं परंतु सच में उनको भी अत्यंत कमी महसूस होती है, आज का युवा वर्ग मां के एहसास को समझना नहीं चाहता लेकिन जीवन की पराकाष्ठा तो मां के पेरों में है अगर समय मिले तो कभी मां के पैरों के संग हाथों को चूमना और उन्हें भी गले लगाना क्योंकि दुनिया की हर एक मां बस यही चाहती है मां मेरी भी है और ऐसा दुनिया में मैं कहीं भी रहूं पर मैं बस यही चाहती हूं कि मां का हाथ मेरे सिर पर यूं ही रहे आशिर्वाद के रूप में और मैं उनके आंचल में अपने सुख दुख को उनके संग ही रहूं