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White "मंज़िल की हकीकत सब जानते हैं यहाँ, तो राह

White  "मंज़िल की हकीकत सब जानते हैं यहाँ,
तो राह में हर मोड़ पर ठहर क्यों नहीं जाते।"
"जो बातें दिल में दबी हैं, उन्हें कहने से डरते हैं,
खामोशियों के आँगन में खुलकर खुशबू की तरह बिखर क्यों नहीं पाते।"
"जब जानता है हर कोई, अंजाम-ए-मोहब्बत क्या है,
तो दिल की राहों में हरदम फिसल क्यों जाते।"
"वक़्त की चोटें हर राज़ बयां कर जाती हैं,
जो घाव हैं दिल में, उन्हीं में उतर क्यों नहीं जाते।"
"दूरियों से शिकायत क्यों करते हो बार-बार,
जो फासले हैं अपने, उनमें ही सिमट क्यों नहीं जाते।"
दरिया पार करना है और तूफानों से भी रिश्ता है,
जो लहरें खींचती हैं, उन्हीं में उतर क्यों नहीं जाते।"
"ख्वाबों की कश्ती में किनारा क्यों ढूंढते हो,
अगर दिल टूटना है, तो हर बार किनारे पर क्यों डूब जाते।"
"सफ़र में बिछड़ने का ख़ौफ़ क्यूँ है,
जो दिल को भाए, उन्हीं रास्तों पर मर क्यों नहीं जाते।"
"तन्हाइयों का आलम भी कुछ कहता है,
जो दर्द संभाले हैं, उन्हीं में बिखर क्यों नहीं जाते।"
"वफ़ाओं की राहों में कुछ और बचा नहीं,
जो लम्हे बेवफ़ा हैं, उनमें सिहर क्यों नहीं जाते।"
"जो अधूरे ख्वाब हैं, उन्हें संजोए क्यों बैठे हो,
हौसले की बाजी लगाकर, उन्हीं पे उतर क्यों नहीं जाते।"
"सबको पता है मयखाने की हकीकत और रात भी बहुत काली है,
तो लोग दिन में घर क्यों नहीं जाते।"
 "आसमान में उड़ने की ख्वाहिश तो सबको है,
फिर ज़मीन की सच्चाई से डर क्यों नहीं जाते।"
"जमाने भर के लिए रखते हो जलन दिल में,
आग में कूद कर सोने की तरह निखर क्यों नहीं जाते।"
"तूफानों से बचने की सोचते हो हमेशा,
फिर क्यों नहीं कर देते साहस और उभर क्यों नहीं जाते।"
"जो लम्हे खामोश हैं, उन्हें जीने की जिद क्या है,
फिर अपनी ज़िंदगी की किताब में उतर क्यों नहीं जाते।"
"ख्वाबों की दुनिया में जीने की चाह रखते हो,
फिर हकीकत की राह पर निकल क्यों नहीं जाते।"

©Navneet Thakur #शायरी  शेरो शायरी
White  "मंज़िल की हकीकत सब जानते हैं यहाँ,
तो राह में हर मोड़ पर ठहर क्यों नहीं जाते।"
"जो बातें दिल में दबी हैं, उन्हें कहने से डरते हैं,
खामोशियों के आँगन में खुलकर खुशबू की तरह बिखर क्यों नहीं पाते।"
"जब जानता है हर कोई, अंजाम-ए-मोहब्बत क्या है,
तो दिल की राहों में हरदम फिसल क्यों जाते।"
"वक़्त की चोटें हर राज़ बयां कर जाती हैं,
जो घाव हैं दिल में, उन्हीं में उतर क्यों नहीं जाते।"
"दूरियों से शिकायत क्यों करते हो बार-बार,
जो फासले हैं अपने, उनमें ही सिमट क्यों नहीं जाते।"
दरिया पार करना है और तूफानों से भी रिश्ता है,
जो लहरें खींचती हैं, उन्हीं में उतर क्यों नहीं जाते।"
"ख्वाबों की कश्ती में किनारा क्यों ढूंढते हो,
अगर दिल टूटना है, तो हर बार किनारे पर क्यों डूब जाते।"
"सफ़र में बिछड़ने का ख़ौफ़ क्यूँ है,
जो दिल को भाए, उन्हीं रास्तों पर मर क्यों नहीं जाते।"
"तन्हाइयों का आलम भी कुछ कहता है,
जो दर्द संभाले हैं, उन्हीं में बिखर क्यों नहीं जाते।"
"वफ़ाओं की राहों में कुछ और बचा नहीं,
जो लम्हे बेवफ़ा हैं, उनमें सिहर क्यों नहीं जाते।"
"जो अधूरे ख्वाब हैं, उन्हें संजोए क्यों बैठे हो,
हौसले की बाजी लगाकर, उन्हीं पे उतर क्यों नहीं जाते।"
"सबको पता है मयखाने की हकीकत और रात भी बहुत काली है,
तो लोग दिन में घर क्यों नहीं जाते।"
 "आसमान में उड़ने की ख्वाहिश तो सबको है,
फिर ज़मीन की सच्चाई से डर क्यों नहीं जाते।"
"जमाने भर के लिए रखते हो जलन दिल में,
आग में कूद कर सोने की तरह निखर क्यों नहीं जाते।"
"तूफानों से बचने की सोचते हो हमेशा,
फिर क्यों नहीं कर देते साहस और उभर क्यों नहीं जाते।"
"जो लम्हे खामोश हैं, उन्हें जीने की जिद क्या है,
फिर अपनी ज़िंदगी की किताब में उतर क्यों नहीं जाते।"
"ख्वाबों की दुनिया में जीने की चाह रखते हो,
फिर हकीकत की राह पर निकल क्यों नहीं जाते।"

©Navneet Thakur #शायरी  शेरो शायरी