पुराने ख्वाब पहले ही लगे हैं पहरेदारी पर फिर तू अपनी नींद क्यो खो रहा है। नए ख्वाबों से कह दो लौट जाएं अभी मेरी आँखों में कोई सो रहा है॥ ©Rizwan Ahamad Faizi #मेरी #आंखों #में #कोई #सो #पहरेदारी #पुराने #ख़्वाब #रिज़वान_अहमद_फैज़ी