#FourlinePoetry तुम नही मिलते तो मुझे बरसाएं गए अग्निबर्षा समान चांटे का हिसाब कौन करता। तुम नही मिलते तो उसके द्वारा दुरुपयोग किए गए अधिकारों को लोगो के सामने चिन्हित कौन करता। तुम जो ना मिलते तो मानवता सहोर्द्य और शांति कौन स्थापित करता। और उस भरे बाजार हुए मेरे करुण रूदन की पुकार का न्याय कौन करता। ©Praveen Kumar #लखनऊघटना #fourlinepoetry