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alfaazkumar5225
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Praveen Kumar

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Praveen Kumar

आखों की रातें, दिल की सांसे
नज्में हमारी, कुछ तो कहती है।
ये हमारी ,वो भी हमारी
ये शहर भी मुझ में बसती है।
मैं हूं यहां की यादें यहां की
ये सड़के कुछ तो कहती है।

©Praveen Kumar #शहर #मन 

#snowfall
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Praveen Kumar

आखों की रातें, दिल की सांसे
नज्में हमारी, कुछ तो कहती है।
ये हमारी ,वो भी हमारी
ये शहर भी मुझ में बसती है।
मैं हूं यहां की यादें यहां की
ये सड़के कुछ तो कहती है।

©Praveen Kumar #शहर 

#snowfall
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Praveen Kumar

#FourlinePoetry तुम नही मिलते
तो मुझे बरसाएं गए
अग्निबर्षा समान चांटे
का हिसाब कौन करता।

तुम नही मिलते तो
उसके द्वारा दुरुपयोग
किए गए अधिकारों को 
लोगो के सामने चिन्हित 
कौन करता।

तुम जो ना मिलते तो
मानवता सहोर्द्य और शांति
कौन स्थापित करता।
और उस भरे बाजार हुए मेरे
करुण रूदन की पुकार का 
न्याय कौन करता।

©Praveen Kumar #लखनऊघटना

#fourlinepoetry
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Praveen Kumar

याद है तुम्हें

अपने गांव के सड़के और पगडंडियां
कतार में खड़ी हरे भरे पेड़ पौधे।
जिसके छांव में हम सब बच्चे
खेल कूद, झूला झूलते और बदमाशियां
किया करते थे।

याद है तुम्हें
नहर पे बनी वो बड़ी पूल
जिसके किनारे नहाया करते थे और
छोटी छोटी मछलियां इक्कठा करते थे।
हरे भरे खेतों की पगडंडियों पे 
छोटी छोटी लाठी लेकर चलना
फिर भी फिसल कर गिर जाना।

याद है तुम्हें
वो बाढ़ ….जिसमे पानी हमलोगों के
घर तकआ पहुंची थी, और हमलोग
छपा –छप किया करते थे।
स्कूल जाने का वो कच्ची रास्ता
जिसपे चहलकदमी करते जाया करते थे
कुछ गिरते तो कुछ संभाल जाया करते थे।
वो कागज के नाव पे चिटियों को 
बैठा कर पानी पे चलना याद है तुम्हें।

याद है तुम्हें
वो मेले...जिसका इंतजार बेसब्री से
किया करते और समूह में जाते थे
और वापस लौटते समय रास्ते भर सीटियां 
और शोर करते आते थे।

याद हैं तुम्हे
वो साइकिल की दौड़ जो स्कूल की 
छुट्टी के बाद किया करते थे,और वो
लड़ाई जो अक्सर दूसरे गांव के 
लड़के से हो जाया करता था
याद हैं तुम्हे।

©Praveen Kumar #बचपन

#DearCousins
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Praveen Kumar

#FourLinePoetry छोटी छोटी बातों की खुशी
जिंदगी को खुशहाल बना देती हैं
और जिंदगी जीने का आइना दिखा जाती है।
ये हर किसी को नसीब नही होता।

©Praveen Kumar कैप्शन plz👇👇👇

#fourlinepoetry 
छोटी छोटी बातों की खुशी
जिंदगी को खुशहाल बना देती हैं
और जिंदगी जीने का आइना दिखा जाती है।
ये हर किसी को नसीब नही होता।

कैप्शन plz👇👇👇 #fourlinepoetry छोटी छोटी बातों की खुशी जिंदगी को खुशहाल बना देती हैं और जिंदगी जीने का आइना दिखा जाती है। ये हर किसी को नसीब नही होता।

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Praveen Kumar

#FourLinePoetry वो भी एक दिन आएगा
जब मेरा नाम तेरे नाम के साथ 
लिया जाए गा।
एक दूजे के हो जाएंगे
और जमाना देखता जाएगा।

©Praveen Kumar #लव 

#fourlinepoetry
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Praveen Kumar

#FourLinePoetry बहुत दिनों बाद
तुमसे मिलने का अवकाश हुआ।
मन हुआ तो निकल लिया,
मंजिल तो दूर हैं
पर दूरियां बहुत करीब है।
तुमसे प्यार बहुत है,
पर जिम्मेदारियां भी कम न है।।

कुछ साल पहले हम दोनो थे,
इस मुलाकात से अंजान।
परिणय सूत्र में बांधने के पश्चात
पता चला , थे जन्मों से साथ।

©Praveen Kumar #लव 

#fourlinepoetry
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Praveen Kumar

#FourLinePoetry तू यार होगा,मेरा प्यार होगा
ना जाने कितनो का,तुमपे ऐतबार होगा।
एक अलग दुनिया में,अपना संसार होगा
तू खुश रहें जहां,वही तेरा इंतजार होगा।

©Praveen Kumar #love

#fourlinepoetry
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Praveen Kumar

#FourlinePoetry   ना मेघ का गर्जन है ना ही बारिश होता है,
इस चिलचल्लाती धूप में मेहनत का बीज बोता हैं
ये किसान है हर तरफ से हताहत होता हैं
फिर भी उम्मीद की किरण जागता हैं।

©Praveen Kumar #किसान 

#fourlinepoetry
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Praveen Kumar

जिंदगी से गुजारिश हैं
कुछ गुजरे पल लौटा दें
जो आनंद और हर्ष उल्लास
में बीते थे।
ये ना लौटा सको तो 
कुछ पुराने यार लौटा दो।

ये जिंदगी ये तुम
कौन सा दौर दिखला दी।
जहां खुशियां चंद सिक्कों की मोहताज है,
और अपने ही लोग लोभ मोह तृष्णा 
से भरे पड़े हैं।
ऐ जिंदगी तुमसे ये गुजारिश है
वो पुराने गांव लौटा दें।

ये जिंदगी मुझे वो पेड़ 
की छांव लौटा दें।
जहां पेड़ पे झूले की खिलखिलाहट,
छांव में बैठे कुछ बुजुर्ग दिखाई दें।

वो खेत खलिहान,हरे भरे मैदान
नदियों की पगडंडियों पे
चहलकदमी करते कुछ बाल  दिखाई दें
ये जिंदगी तू मेरे कुछ पुराने पल लौटा दें।

©Praveen Kumar #जिंदगी #पुरानेदिन 

#FriendshipDay
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