यूँ तो हर वख्त ही, कहने को कुछ होता है, लेकिन मैं खाली सवाल, दागना नहीं चाहती। कहूँ तो सार्थक रहूँ, सही दिशा में ही बहूँ, बस भरमाते भँवर में, भटकाना नहीं चाहती। कहूँ तो सार्थक रहूँ