स्त्री तेरे ये जो जेबर है ये जो तेरे सिर पर सिंदूर की लाली है जिदंगी भर कि गुलामी की मोहर वाली स्याही है ये जो तेरे माथे पर बिंदी है ढकोसलेपूर्ण मर्यादाओं की बंदिनी होने कि निशानी है ये जो तेरे नकसिका मे नथनी है जिदंगी भर की गुलामी की तनी हुयी लगामी है ये जो तेरे हाथों मे खनखनाती कंगन है खनखनाहट ढ़कोसलेबाजी परमपरा की कैदी होने की हुकुम सुनाती है , ये जो तेरे पैरो कि छमकती पायल है कठोर काली बंदिसों की बेड़ी है ये जो तेरे पैरों मे परी विछिया है आत्मा मे लगी बिछुओं की डंक जैसी है स्त्री तेरे ये जो जेबर है तेरे गुलामी की जंजीरे है #kavitaQuote #sad_Quote #@kavita #singar_nahi_ #jebar_nahi_janjiren