त्यौहार पुरे हो रहें हैं.... और फिर से लौट रहें है परिंदे वापस.. उन्ही शहरों की और.. जहाँ से आये थे वो मोहलत लेकर.. चले आये थे घर के आँगन की और... फिर मन में एक टीस रहा जाएगी.. की काश.. थोड़ा सा वक्त और मिल जाता तो वो घर को जरा और महसूस कर पाते... क्योंकि घरों में उनका आना... अब घर के बच्चों की तरह नहीं, मेहमानों की तरह होता है..!!🥹 ©HUMANITY INSIDE #Light