White शीर्षक - तारीफ तेरी और, क्या हम करें ----------------------------------------------------- तारीफ तेरी और, क्या हम करें। कैसे तुम्हारा दिल, खुश हम करें।। तुम्हारे सिवा हमको, नहीं है पसंद और। तारीफ तेरी और------------------।। यूँ तो हजारों फूल, गुलशन में हैं। रोशन चिराग यहाँ, और भी है।। मगर इतने हसीन ये, लगते नहीं। होता नहीं है दिल, खुश और से।। तारीफ तेरी और-----------------।। सूरत तुम्हारी यहाँ, माहताब सी। रोशन हो तुम, यहाँ आफ़ताब सी।। महकते हैं फूल, जब तुम हंसती हो। नूर जहां में तेरे जैसा और नहीं।। तारीफ तेरी और-------------------।। सरुर जो, तुम्हारी नज़रों में है। नहीं ऐसी खूबी, औरों में है।। मेरे दिल का ख्वाब, तुम ही हो। तुम्हारे सिवा मोहब्बत, और से नहीं।। तारीफ तेरी और-------------------।। शिक्षक एवं साहित्यकार गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma #साहित्यकार