।।बलात्कार पर मंथन::अनुराग चौरसिया।। *।।बलात्कार पर मंथन::अनुराग चौरसिया।।* *।।बलात्कार पर मंथन::अनुराग चौरसिया।।* 03-जुलाई-2018(10:16 PM) (यह लेख आज सुबह सतना में एक बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना पढ़कर लिखा हैं। *मैं अनुराग चौरसिया* यही मंथन कर रहा हूँ कि ऐसी घटनाएं इतनी ज्यादा क्यों बढ़ गई हैं, जिसे आपके साथ साझा कर रहा हूँ।यह लेख पूर्णतः मेरी विचारधारा पर आधारित हैं) विगत दिनों में सामूहिक बलात्कार की घटनाओं को देख कर मेरा मन बहुत दुखी हैं।सोच रहा हूँ कि ऐसा क्या होने लगा कि सामूहिक बलात्कार की घटनाएं इतनी बढ़ने लगी हैं