मै कल इक ऐसी जगह गया जहां सफेदपोश अंधेरे में जाते हैं,हलकिमेरा वहां जाना आज से पच्चीस वर्ष पहले से है,लोग उस जगह को और वहां रहने,वाले लोगों को हिकारत भारी नजर से देखते हैं,कुछ उस जगह को चकला घर,कुछ वैश्या लय,तो आधुनिक भाषा में,,रेड लाइट एरिया,,भी कहते हैं,मेरे पहुंचते ही एक सुंदर युवती ने कतिल अदा के साथ स्वागत किया,बोली,,आइए मेहरबां, मैंने प्रतिउत्तर में पूछा,श,,(नाम नहीं लिखूंगा)आंटी हैं क्या,आंटी बो भी नाम के साथ संबोधन सुनकर युवती का चेहरा कुछ मुरझा सा गया,फिर बोली हां हैं,क्या काम है?मैंने बोला जाके उनसे बोलो कि पुलिस बाला राजेश आया है,पुलिस शब्द सुनकर बो कुछ असहज हो गई,फिर वेमन से अंदर चली गई,करीब पांच मिनट बाद आ के बोली चलो अन्दर बुला रही है,मैंने अन्दर का जो दृश्य देखा हैरान हो गया, क्या ये वही,शू,,आंटी हैं?तभी ,,आओ राजेश बहुत दिन बाद आज आंटी को कैसे याद किया?कुछ विशेष काम है क्या,मैंने झूठ बोलते हुए कहा नहीं आंटी बाहर पोस्टिंग हो गई थी इसलिए आना नहीं हो पाया,लेकिन आप,,शायद बो मेरी बात को समझ गई और एक लम्बी सांस भरते हुए बोली,हां बेटा जब तक गोस्त गरम था तब तक भेड़ियों ने नोचा अब बूढ़ी हड्डियों में क्या रखा है,सो इस अंधेरे कोने में पड़ी पड़ी आखरी सांसे ले रही हूं,उनकी बात सुनकर मुझे ऐसा लगा कि किसी ने नस्तर चुभो दिए हों,आज के पच्चीस वर्ष पहले जो औरत अमीरों की जान हुआ करती थी,आज उसकी ये हालत,शहर की सबसे महंगी ,,रण्डी,,जी हां वहां की भाषा में उन्हें रण्डी ही बोला जाता है,,,जिसके लिए एक बार तो क्षेत्र में कर्फ्यू की नौबत आ गई थी,,क्या सोच रहे हो राजेश?अचानक मुझे चुप देखकर उनने कहा,क्या लोगे पान तो तुम को खिला नहीं सकती और वैसे भी तुमने जब पान खाने की उम्र थी तो हमारे यहां कभी पान खाया नहीं, तो अब क्या खायोगे?(पान खाने और खिलाने की उनकी एक विशेष परम्परा है,जो युवती पान लेकर आती है अगर उसे ग्राहक ने पसंद कर लिया तो वो पान खा लेगा और सौदा पक्का माना जाएगा) चाय मंगाऊ,नहीं आंटी बस रहने दो,अरे भाई पी लो बहुत दिनों बाद आए हो ,चिंता मत करो कोरॉना नहीं होगा,उनने मजाक किया। ०१,, रेड लाइट एरिया,