Nojoto: Largest Storytelling Platform

कलम कला है,कलई भी खुल जाती है। सर कलम मौत हो, हो ज

कलम कला है,कलई भी खुल जाती है।
सर कलम मौत हो, हो जीवन पेड़ कलम कटा,
मरण -जनम की थाती है,
कलई भी खुल जाती है।
प्रमाण पत्र जनम का,
प्रमाण पत्र मरण का,
मृत्यु का जीवन का,
कुंडली भी कुछ पाती है।
सृजन किसे भाये, कौन दुश्मन,
ये भी कलम की हस्ती यकीनन,
सर, धड़, जड़, पकड़ ले धड़कन,
जकड़ ले यम अकाल भी,
अकाल मृत्यु आती हैं।

©BANDHETIYA OFFICIAL
  #कलम #कला है।