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द्वेष का माहौल , कुछ पल सा रहा है। आज आदमी, कुछ तड़

द्वेष का माहौल ,
कुछ पल सा रहा है।
आज आदमी,
कुछ तड़प सा रहा है।
खत्म होती जा रही,
सोचने की शक्तियाँ।
आज आदमी अपने से ही,
लड़ता नजर आ रहा है।।
C L Gautam C L Gautam
द्वेष का माहौल ,
कुछ पल सा रहा है।
आज आदमी,
कुछ तड़प सा रहा है।
खत्म होती जा रही,
सोचने की शक्तियाँ।
आज आदमी अपने से ही,
लड़ता नजर आ रहा है।।
C L Gautam C L Gautam