द्वेष का माहौल , कुछ पल सा रहा है। आज आदमी, कुछ तड़प सा रहा है। खत्म होती जा रही, सोचने की शक्तियाँ। आज आदमी अपने से ही, लड़ता नजर आ रहा है।। C L Gautam C L Gautam