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चले आओ कि दिल मेरा तुम्हारे बिन न लगता है, ज़माने म

चले आओ कि दिल मेरा तुम्हारे बिन न लगता है,
ज़माने में भला कोई मुहब्बत ऐसी करता है। 
अगर तुम सामने हो तो दिल मेरा धक-धक करता हैं।
न हो ग़र सामने तो मन तुम्हें ही ढूंढा करता हैं।

©HINDI SAHITYA SAGAR
  चले आओ कि दिल मेरा तुम्हारे बिन न लगता है,
ज़माने में भला कोई मुहब्बत ऐसी करता है। 
अगर तुम सामने हो तो दिल मेरा धक-धक करता हैं।
न हो ग़र सामने तो मन तुम्हें ही ढूंढा करता हैं।
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चले आओ कि दिल मेरा तुम्हारे बिन न लगता है, ज़माने में भला कोई मुहब्बत ऐसी करता है। अगर तुम सामने हो तो दिल मेरा धक-धक करता हैं। न हो ग़र सामने तो मन तुम्हें ही ढूंढा करता हैं। Love #Dil #Pyar #Hindi #hindi_poetry Shayari #hindisahityasagar #poem #लव

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