हुस्न आफ़त नहीं तो फिर क्या है तू क़यामत नहीं तो फिर क्या है ~जलील मानिकपुरी ©हिंदीवाले हुस्न आफ़त नहीं तो फिर क्या है तू क़यामत नहीं तो फिर क्या है ~जलील मानिकपुरी