धुआं फैला हौले-हौले जब जली सिगरेट अपनी कुर्बानी देकर भी माचिस न करती रिग्रेट फेफड़े स्याह हो गए पीकर ये सिगरेट पीने वाले सोचे मगर हो जाएंगे वे रिजनरेट ©Kirbadh #smoke कविताएं कविता कविता कोश