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White जुस्तजू में जिसकी पतझड़ किये बसंत कई जब मिली

White जुस्तजू में जिसकी पतझड़ किये बसंत कई
जब मिली बेज़ार बदरंग सी लगी

है कितनी कोमल हृदया बाद में पता चला
पहली दफ़े जब मिली सरहंग सी लगी

सरहद से बरसों बाद जब गांव को लौटा
घर की ख़ामोशी इक जंग सी लगी

रिश्ते-नाते जब से चौसर का खेल हो गए
उनकी तारीफ़ भी उनको व्यंग सी लगी

घुली है फिज़ा में बेईमानी इस क़दर 'किरबध'
की ज़िक्र-ए-ईमानदारी भी मलंग सी लगी

©Kirbadh #हालतोसमझ  शेरो शायरी शायरी हिंदी में
White जुस्तजू में जिसकी पतझड़ किये बसंत कई
जब मिली बेज़ार बदरंग सी लगी

है कितनी कोमल हृदया बाद में पता चला
पहली दफ़े जब मिली सरहंग सी लगी

सरहद से बरसों बाद जब गांव को लौटा
घर की ख़ामोशी इक जंग सी लगी

रिश्ते-नाते जब से चौसर का खेल हो गए
उनकी तारीफ़ भी उनको व्यंग सी लगी

घुली है फिज़ा में बेईमानी इस क़दर 'किरबध'
की ज़िक्र-ए-ईमानदारी भी मलंग सी लगी

©Kirbadh #हालतोसमझ  शेरो शायरी शायरी हिंदी में
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