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वर्णिक छंद: वागीश्वरी सवैया वर्णिक मापनी - 122X7 +

वर्णिक छंद: वागीश्वरी सवैया
वर्णिक मापनी - 122X7 +12  अथवा 122 122 122 122 122 122 122 12

घने जंगलों से  हरे वृक्ष काटे कई जीव मारे  मनुष्यों ने' जो।
किया हीन वृक्षों से' भू को सभी ने जलाने लगा सूर्य संसार तो।
घटायें गयीं छोड़ त्यागीं हवाएँ शिलाएँ हुईं गर्म खुंखार हो।
न पानी रहा शुद्ध भू भी हुई क्रुद्ध आकाश तैयार है वार को।(3)

Dinesh Pandey

©दिनेश कुशभुवनपुरी
  #वर्णिक_छंद #वागीश्वरी_सवैया  Richa Mishra R K Mishra " सूर्य " पथिक.. ANOOP PANDEY सुनील 'विचित्र'  Puja Udeshi NIKHAT الفاظ جو دل کو چھو لے Babli Gurjar RJ राहुल द्विवेदी 'स्मित' एक अजनबी  Anupriya सुरमई साहित्य Kalaa Vyas vimlesh Gautamhttps://youtube.com/@jindgikafasana6684 Subhash Chandra  Naveen Kumar मनोज मानव poonam atrey PRIYANK SHRIVASTAVA 'अरमान' Suhana parvin  वरुण तिवारी Mysterious Girl Anjali Srivastav Manisha Keshav Asmita Singh  Disha गुरु देव Kirti Pandey Anshu writer Diksha Singh  MƳ ƊŘĚÃM ÌŞ MŶ ŁÎFÉ gaTTubaba Kanu Priya .Indian Sing Language Madhusudan Shrivastava  विवेक ठाकुर "शाद" RD bishnoi कवि आलोक मिश्र "दीपक" Alone Amit Anjali Maurya  Nîkîtã Guptā करन सिंह परिहार अmit कोठारी "राही" -"Richa_Shahu" Priya Rajpurohit  advocate SURAJ PAL SINGH kanta kumawat कृष्णा वाघमारे, जालना , महाराष्ट्र,431211 Sunny Writer kavi Gautam  सूर्यप्रताप सिंह चौहान (स्वतंत्र) Dheeraj Srivastava Rank Nameless Lalit shrivastava sabdvanshi Choudhary Nk kumar