इज़हार पुरुष स्त्री को सराय समझ क़र रात गुज़ार देता है स्त्री पुरुष को घर समझ क़ऱ. जिंदगी गुजर देती है.... ..... ©Parasram Arora स्त्री पुरुष ( जस्वीर त्यागी,,,,)