Nojoto: Largest Storytelling Platform

ऊंचा हूं पर दिल में मेरे सागर सी गहराई है दूर-दूर

ऊंचा हूं पर दिल में मेरे सागर सी गहराई है
दूर-दूर तक जाती मेरी लंबी सी परछाई है

बहुतों का रक्षक हूं न मैं नहीं किसी को दुख देता
दुश्मन पास नहीं आ सकता बगल में  मेरे खाई है

गर्व नहीं करता हूं खुद पर सबको अपनापन देता
धरती है मेरी माता तो आकाश भी मेरा भाई है

नदियों का उद्गम है मुझ में सब का प्यास बुझाती है
सभी देवता मुझ पर रहते बेखुद यह सच्चाई है

©Sunil Kumar Maurya Bekhud
  #पर्वत