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पल्लव की डायरी प्यारे को जरा,हसरतों से गले लगाये र

पल्लव की डायरी
प्यारे को जरा,हसरतों से गले लगाये
रंगों के गुलाल आजमाये
अंग अंग भी अब बहके जाये
निखरे है चेहरे ऐसे
जैसे नशे में गुल  कोई खिलाये
                                   प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"
  #Kundan&Zoya रंगों के गुलाल आजमाये
#nojotohindi

#Kundan&Zoya रंगों के गुलाल आजमाये #nojotohindi #कविता

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