मोहब्बत -ए- तन्हाई का मंज़र आस पास कुछ ऐसा बिखरा है हर शख्स अन्य को जलाने के लिएWhtsapp dp लगातार बदल रहा है, और सुनिये दर्द-ए-म्लान किस्सा महज इतने पर भी कहां थम रहा है रात के तीन बजते बजते ये कारवां तो dp को वीराने में तब्दील कर रहा है, (काजल मिश्रा) डर -ए- अंजाम काजल को भी कुछ शिकवा- सा लिपटा रहा है कि आखिर क्यों हर पंछी हिज़्र-ए-यार वियोग तपिश में जल रहा है, दर्द-ए-आलम इतना गहरा है,आंसू भी नमकीन पानी बन बह रहा है मुर्शिद उस दिलनशी की आंखों में किसी दूजे की ही मोहब्बत-ए-जुज्ब का पहरा है! ©Kajal Mishra WhatsApp Dp Written by Kajal Mishra (Annu)✍️