पति-पत्नी शुरू हुई है नोक झोंक नर नारी के बीच गुस्से में इक दूजे के केश रहे वो खींच देख तमाशा प्रमुदित हैं आस पास के लोग शांत नहीं होते दोनों बहुत हुआ उद्योग कोई उन्हे उकसाये तो कोई शांत कराये एक चाहता है दिल से दूजा उसे मनाये कुछ ही पलों में हो गए दोनो थक कर चूर संग संग बेखुद चले हुई शिकायत दूर ©Sunil Kumar Maurya Bekhud #पति_पत्नी @हिन्दी_कविता