उन्होंने मेरे विशेष आग्रह करने पर जो आपबीती सुनाई,, मै एक मिडिल क्लास परिवार में जन्मी,खुश थी,पांचवीं कक्षा तक पढ़ी हूं,मेरी उम्र बारह तेरह साल की रही होगी,कुछ रुककर,और गहरी सांस लेकर, मै बहुत सुंदर थी रै,,हां आंटी मैंने देखा है, एक दिन मै और मेरी सहेली तालाब के किनारे मिट्टी लेने गए थे गणेश जी की मूर्ति बनाने,दोपहर का समय था,मिट्टी टोकनी में भर के लौट रहे थे तभी दो लोग आए और बर्फ की कुल्फी खाने दी कुल्फी खाने के बाद पता नहीं चला कि हम दोनों कब बेहोश हो गई जब नींद खुली तो जबलपुर में एक औरत के साथ पाया,हम दोनों खूब रोए गिड़गिड़ाए कि हमें अपने घर पहुंचा दो पर वो हम दोनों को मारपीट कर के चुप करा देती,कुछ समय बीत गया, यूंही रोते बिलखते,फिर एक दिन पुलिस का बहुत बड़ा अफसर आया और बो औरत उनके पास ले गई और बोली आज तेरी ,, नथ उतरेगी,,तू जाकर तैयार हो जा,जा मन्नी से नए कपड़े ले ले। ,,, नथ उतारना,यानी उसका कौमार्य भंग करना,और जो व्यक्ति ये करता है,बो एक मोटी रकम देता है,,जैसा आंटी ने बताया, ०२ रेड लाइट एरिया ०२,