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चलते चलते रुकती सासे, चलना दूभर करतीं सांसें। प्र

चलते चलते रुकती सासे,
चलना दूभर करतीं सांसें।

प्रेम की खातिर मिटती सांसे ,
प्राण  निछावर ,करतीं सांसें।

कभी  उमंगे  भरती  सांसें,
कभी  विरह से डरती सांसें।

सागर के उस पार पहुंच कर,
तूफ़ानों  से  डरती  सांसे ।

©Anuj Ray
  #चलते-चलते रुकती सांसें
anujray7003

Anuj Ray

Bronze Star
New Creator

#चलते-चलते रुकती सांसें #ज़िन्दगी

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