Find the Best चलते Shayari, Status, Quotes from top creators only on Gokahani App. Also find trending photos & videos aboutएक रात ठहर जाए हम घर में तेरे लेकिन छत पर न सुला देना हम नींद में चलते हैं, रेड नीचे शायरी के फोटो चलते हुए बोला क्यों नहीं च, ठंडी हवा के झोंके चलते हैं, टखने में दर्द चलते समय, यूं ही साथ चलते चलते,
बेजुबान शायर shivkumar
writer....nishu...
रास्ते गुम है फिलहाल मेरी मंजिल के मगर चलते चलते ढूंढ ही लेंगे रखते हैं हौसला बुलंद अपने ख्वबों का इन्हें भी जीत की हकीकत में बदल लेंगे कुछ ना कुछ सीखते हैं हर किसी से हम अपनी मंजिल का इतिहास भी कुछ नया लिखेंगे कि चलते चलते इसे ढूंढ ही लेंगे ©writer....Nishu... #चलते चलते मंजिल ढूंढ ही लेंगे
#चलते चलते मंजिल ढूंढ ही लेंगे
read moreShashi Bhushan Mishra
जब तक चलता है तो चलते जाना है, अंत समय में रघुबर नाम ठिकाना है, करलो मन की ख़्वाहिशात पूरी अब में, चले न आख़िर वक़्त में कोई बहाना है, करो परिश्रम जन-जीवन हो संरक्षित, पतझर में भी सुंदर फूल खिलाना है, इम्तिहान की घड़ी अचानक आएगी, डरना क्या?जब तेरे पास खज़ाना है, लिख डालो पटकथा सफलता की यारों, प्रेम की धुन पर गीत शांति के गाना है, मतलब के साथी हैं सारी दुनिया में, कोई नहीं अपना ये जग बेगाना है, करो प्रकट आभार प्रेम का जीवन में, चंद दिनों का 'गुंजन' ताना-बाना है, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra #चलते जाना है#
#चलते जाना है#
read moremanisha bhauryal
अक्सर अपनो की ख़ुशी के चलते, लोग ख्वाबों की खुद ख़ुशी कर देते है I" ©Monu Real #Parchhai #अक्सर #अपनो #की #ख़ुशी #के #चलते, #लोग .......,
Shubham Bhardwaj
चलो साथ कुछ चलते हैं, जीवन प्यारा लगता है। तन्हाई के आलम में तो जीवन एक घटना लगता है।। ©Shubham Bhardwaj #चलो #साथ #कुछ #चलते #हैं #जीवन
Rashim Anugrah
संभालते संभालते उजड़ गई हैं चलते चलते कदम लड़ गई है ©Rashim Anugrah #Nojoto #nojohindi #बनते #सम्भालते #चलते #rashimanugrah
#nojohindi #बनते #सम्भालते #चलते #rashimanugrah
read moreBulbul varshney
कह रही हैं कि अब बहुत हो गया जितना सहना था उतना सह लिया मैंने दूसरों के फैसलो पर बहुत जिली में अब खुद से भी कुछ करने दो। ©Bulbul varshney #चलते चलते रुकती सांसे।
#चलते चलते रुकती सांसे।
read moreAnuj Ray
चलते चलते रुकती सासे, चलना दूभर करतीं सांसें। प्रेम की खातिर मिटती सांसे , प्राण निछावर ,करतीं सांसें। कभी उमंगे भरती सांसें, कभी विरह से डरती सांसें। सागर के उस पार पहुंच कर, तूफ़ानों से डरती सांसे । ©Anuj Ray #चलते-चलते रुकती सांसें
#चलते-चलते रुकती सांसें
read moreBramhan Ashish Upadhyay
बदनामी की कैसी संध्या भाग्य हमारा लाया है। प्रेम,समर्पण,आज़ादी का हमने कैसा ये फल पाया है।१। जिस माँ ने पाला उसको अपने तन का लहू पिलाकर। आज उसी माँ को बेटी ने अपना दुश्मन बतलाया है।२। जिस भाई ने तेरी ख़ातिर जगभर से रार ठाना था । आज उसी भाई को देखो, कैसे बहन ने ही उसकी झुठलाया है।३। देखो दौड़ना सीख गई है चलते चलते जाने कब ।
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