कशमकश भारी इस ज़िंदगी में ..हम बार बार क्यों उस दिशा में चलने पर अपने आप को मजबूर करते है कि उस दिशा में जाने से कभी भी हम जो चाहते है वो नहीं मिलेगा? #mazbooriyan #zindagi_ek_paheli