वेदना , खुशी और प्रेम सब छलक पड़ता है घृणा , क्रोध और दर्द कलम से उमड़ पड़ता है रह जाता है तू बिल्कुल कभी सादा सफेद पन्ना सा लेकिन फिर भी भरा हुआ। काली स्याही को उड़ेला दिया तुझ पर ...! फिर भी खाली सा बिल्कुल उदास सा तू क्यो तू ऐसी है तू बिल्कुल मेरी जैसी है कागज़ जो कोरा था , वो मुझसे अक़सर सवाल करता है सुप्रभात🙏🙏 #काग़ज़पूछरहा #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi