90 से 105 जाने वालों से पूछना है, 99 से 100 कितनी देर में पार होता है? तुम तो चले हो सबके हिसाबों से ठाकुर, तो बताओ इस चाल का भी क्या सार होता है? 102 पर महसूस हुई थी या 104 पर ,जिसे, 100 पर तुम भूले थे शायद उसी का नाम हार होता है।। #lifequotes #chetanyajagarwad #quote #people