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"कुछ चाहते" तुम भी कभी मेरी तरह प्यार करके देखो न।

"कुछ चाहते"
तुम भी कभी मेरी तरह प्यार करके देखो न।
 मैं सबारती सजाती तुम्हारा घर वार।।
 मैं संजोता परिवार और संभालती रिश्तेदार।
 तुम भी कभी मेरे मायके का हाल पूछ कर देखो ना।।
तुम्हारी छोटी-छोटी पसंद का भी ख्याल है मुझे।
 चाय नाश्ता और खाना कब चाहिए जानती मैं।। 
कुछ ज्यादा नहीं चाहती तुमसे मैं ।
 मुझे क्या पसंद है तुम भी कभी पूछो न।।
 कभी बच्चों को सुलाने में निकलती रातें मेरी।
तो कभी उनकी पढ़ाई और घर के काम में निकले दिन मेरे।।
 अरे तुम चिंता ना करो मैं संभाल लूंगा।
 तुम आराम कर लो जरा,कुछ ऐसा भी बोलो न।। 
हजारों व्रत करती सिर्फ तुम्हारे लिए।
तुम भी कुछ पल रुक जाओ खाने पर मेरे लिए।।
 तुम्हारे कदमों के पीछे चलती रहती हूं ।
कितनी पीछे रह गई पलट कर देखो ना।।
(ख्याल_ए_स्मिता)
   


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©Mrs Smita Sandeep Raghuvanshi  #कुछ चाहते
#क #लंबी #L♥️ve #Ka #S
"कुछ चाहते"
तुम भी कभी मेरी तरह प्यार करके देखो न।
 मैं सबारती सजाती तुम्हारा घर वार।।
 मैं संजोता परिवार और संभालती रिश्तेदार।
 तुम भी कभी मेरे मायके का हाल पूछ कर देखो ना।।
तुम्हारी छोटी-छोटी पसंद का भी ख्याल है मुझे।
 चाय नाश्ता और खाना कब चाहिए जानती मैं।। 
कुछ ज्यादा नहीं चाहती तुमसे मैं ।
 मुझे क्या पसंद है तुम भी कभी पूछो न।।
 कभी बच्चों को सुलाने में निकलती रातें मेरी।
तो कभी उनकी पढ़ाई और घर के काम में निकले दिन मेरे।।
 अरे तुम चिंता ना करो मैं संभाल लूंगा।
 तुम आराम कर लो जरा,कुछ ऐसा भी बोलो न।। 
हजारों व्रत करती सिर्फ तुम्हारे लिए।
तुम भी कुछ पल रुक जाओ खाने पर मेरे लिए।।
 तुम्हारे कदमों के पीछे चलती रहती हूं ।
कितनी पीछे रह गई पलट कर देखो ना।।
(ख्याल_ए_स्मिता)
   


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©Mrs Smita Sandeep Raghuvanshi  #कुछ चाहते
#क #लंबी #L♥️ve #Ka #S