कश्मीर में देखो फिर से हिंदू कैसे है थर्राया 1990 वाला दौर वो देखो फिर से हो जैसे लौट आया नाम पूछ कर मार है वो मेरे हर अपने को मैं पूछ रहा हूं मोदी जी इन आतंकियों में इतना ये साहस कहां से आया?? क्या ऐसे ही बस मरते रहेंगे हिंदू हिंदुस्तान में कब शरणार्थी बनें रहेंगे हिंदू हिंदुस्तान में क्या 56 इंची सीना भी अब आतंकियों से है डरने लगा या फिर राष्ट्रवाद बस एक ढोंग रह गया है अपने हिंदुस्तान में?? हम सिर्फ मंदिर - मस्जिद कर रहे है और वहां पे मेरे भाई - बहन मर रहे है आतंकियों को ये साहस है तुमने दिया क्यूंकि कश्मीर के गवर्नर साहब भी तो सिर्फ निंदा ही बस कर रहे है!! गर ऐसे ही बस मरना पड़ेगा हमको हिदुस्तान में गर ऐसे ही बस कटना पड़ेगा हमको हिदुस्तान में तो वो समय भी जल्दी ही आएगा जब हिंदू ही नही बचेगा कोई अपने हिंदुस्तान में!! गर ऐसे ही हम मरते आए तो हम तुमको ही जिम्मेदार लिखेंगे आंसू हमारे सुख गए है कहो कब तक ये पीड़ा और सहेंगे क्या हृदय तुम्हारा रोता नही है देखकर अपनो की लाशें अब गर बदला तुमने नही लिया तो इन सब मौतों का तुमको ही जिम्मेदार कहेंगे!! ये विनती मेरी है तुमने मोदी जल्दी उपचार करो कोई हिंदुस्तान में हिंदू सुरक्षित हो ऐसा समाधान करो कोई किसी का बेटा किसी का भाई किसी अपना ना मरे इन आतंकियों को घर में घुसकर मारो ऐसा ऐलान करो कोई!! कवि: इंद्रेश द्विवेदी (पंकज) ©Indresh Dwivedi #कश्मीरसमस्या #कश्मीरी_सनातनियों_की_हत्या #कश्मीरी_हिन्दू #कश्मीरी_हिन्दुओं_के_नरसंहार_को_नकारने_वाले_वामी_कामी_इस्लामी_लोग #IndiaLoveNojoto