Nojoto: Largest Storytelling Platform

White क्या कहें, ये दौर कितना बदल गया, हर इंसान अप

White क्या कहें, ये दौर कितना बदल गया,
हर इंसान अपने ही साए से जल गया।
इज्जत अब बस नामों तक रह गई है,
असलियत झूठ की चादर में ढह गई है।

जो सपने कभी जमीर ने सजाए थे,
अब दौलत की ठोकर से मिटाए गए हैं।
हर ख्वाब जो आँखों में पलता था,
उसकी कीमत सिक्कों में लिखी गई है।

मगर ये सिलसिला ज्यादा नहीं चलेगा,
हर झूठ का नकाब एक दिन गिरेगा।
ईमान की चिंगारी फिर शोला बनेगी,
और सच्चाई हर अंधेरे को जलेगी।

©नवनीत ठाकुर #ये दौर कितना बदल गया है
White क्या कहें, ये दौर कितना बदल गया,
हर इंसान अपने ही साए से जल गया।
इज्जत अब बस नामों तक रह गई है,
असलियत झूठ की चादर में ढह गई है।

जो सपने कभी जमीर ने सजाए थे,
अब दौलत की ठोकर से मिटाए गए हैं।
हर ख्वाब जो आँखों में पलता था,
उसकी कीमत सिक्कों में लिखी गई है।

मगर ये सिलसिला ज्यादा नहीं चलेगा,
हर झूठ का नकाब एक दिन गिरेगा।
ईमान की चिंगारी फिर शोला बनेगी,
और सच्चाई हर अंधेरे को जलेगी।

©नवनीत ठाकुर #ये दौर कितना बदल गया है