बहते पानी समान जज्बात रखता हूँ .. कभी आवेग मे भी दे गम्भीरता का परिचय, तो कभी शान्त उथल- पुथल से, विशाल पहाड़ो को रौंदने का भी माद्दा रखता हूं.. मुक्कदर मुलाकात कराता है मेरी, हर रोज एक नयी मंजिल से हुज़ूर.. मैं कर फतह उसे भी हमेशा की तरह, समय के साथ आगे बढ़ते रहता हूं........... #life #win #poetry #gauravgavi