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अवधी लोकगीत - धनवा की जुरियाँ बंधन लागी, हाँ हाँ.

अवधी लोकगीत - धनवा की जुरियाँ

बंधन लागी, हाँ हाँ..बंधन लागी।
बंधन लागी, हाँ हाँ..बंधन लागी।
धनवा की जुरियाँ...

सुनो री सखियाँ, सुनो री धनियाँ,
सुनो री सखियाँ, सुनो री धनियाँ,

ई जुरियाँ झौआ म रखिके -2
अउ झौवा मूड़ें म रखिके -2
चल जइहैं बिन इंदुरियाँ,
धनियाँ लइ जइहैं जुरियाँ।
बंधन लागी धनवा की जुरियाँ..

लेहे वाले ख्यातन मइहाँ,
सोंधे-सोंधे ब्वादन मइहाँ,
जन-मंजूरन पीछे-पीछे,
बिथरा देइहैं ई जुरियाँ,
बंधन लागी धनवा की जुरियाँ।
             -शैलेन्द्र राजपूत

©HINDI SAHITYA SAGAR
  अवधी लोकगीत - धनवा की जुरियाँ

बंधन लागी, हाँ हाँ..बंधन लागी।
बंधन लागी, हाँ हाँ..बंधन लागी।
धनवा की जुरियाँ...

सुनो री सखियाँ, सुनो री धनियाँ,
सुनो री सखियाँ, सुनो री धनियाँ,

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