दिशाहीन मन की बातें लबों पर आयी पर खामोश रही व्याकुल रूह की बातें लबों पर आयी पर खामोश रही सब्रहीन दीमाग की बातें लबो पर आयी पर खामोश रही कांपती आत्मा की बातें लबों पर आयी पर खामोश रही अब के आक्रोश आया है लबों पर बोलेंगे ये लब और व्यथित होगा संसार खुलेगी कुण्ठित गाँठे और लबों के साथ बोलेगी ये आखें। #बोल_के_लब_आज़ाद है_तेरे ©visheshta Sharma #chains