जब सुना मैंने कहानी का बयान, बढ़ी रौनक इस मन की महफ़िल में, आज लिखूँगा उसका अनुपम अर्थ, शब्दों में अपनी जीती-जागती तस्वीरों में। जैसे सूरज की तपिश से जलती नहीं है भूमि, वैसे ही हर चोटी पर जितना दर्द हो, उससे भी ज्यादा ताकत है इंसान की, जिससे दुनिया में नहीं हो सकती है कोई बाधा। कहानी में हो जो चाहत का अभिनय, जीत हमेशा मुस्कान बन के आये, संघर्ष तो हमेशा रहता है जीवन में, पर उससे ही तो निकलती है जीत की जय जयकार। जीवन एक कहानी है जो हर कोई सुनता है, जो जीतता है वही होता है विजेता है, कहानी बनाने वाले हम खुद ही होते हैं, जीत हमेशा हमारे अंदर ही छिपी होती है। तो लिखता हूं मैं शब्दों की एक कहानी, जिससे आप सबको मिले जीत की खुशियों का पैमाना, जीवन जीतने का हमेशा एक तरीका होता है, जो सबके अंदर बसा होता है, उसे पाने की जिद रखो, जगमगाते नजरों से जीत की सूर्य उगा दो! ©विवेक कुमार मौर्या (अज्ञात ) ज़ब सुना मैंने कहानी का बयान.....