तुम तक मेरी आह को अब कोई इख़्तियार नहीं तुम्हारे बग़ैर यक़ीनन ज़िन्दगी ये ख़ुशगवार नहीं इतनी मायूसी,नहूसत और बेरुख़ी इतनी मुझ को तोहफ़े में क्यों मिली बेबाक़ क्या क़सूर मेरा था मुझ को अब ख़ुद पे ऐतबार नहीं तुम ने ही फैसले किए है सब अब,ये न कहना के मुझकों प्यार नहीं ज़िन्दगी हादसों में सिमटी हैं अब किसी का भी इंतेज़ार नहीं मैंने ख़ुद को बिखेर कर देखा दिल किसी का तो तलबगार नहीं इतने ज़ख़्म इस ने खाए हैं लेक़िन ये नही के ये शेहसवार नही.... ©ashita pandey बेबाक़ #hindi_diwas life quotes tumblr shayari on life reality life quotes in hindi