परिंदे क्या उड़े वो दरख्त बेजार हो गया, लोग सोचते हैं कि मिट्टी में अब नमी नहीं रही। #स्वरचित © #शून्य #दरख्त #बेजार #लोग #नमी #मिट्टी #योरकोटहिंदी