ख्वाजा जी के दर पर अश्क़ भूल आया हूँ अपने, जाउगी जब आज शाम लेती आना, क्यूंकि कल मैं तुम्हारे लाया था ! ©१:११ ख्वाजा जी के दर पर अश्क़ भूल आया हूँ अपने, जाउगी जब आज शाम लेती आना, क्यूंकि कल मैं तुम्हारे