मैं मृत्यु से भयभीत नहीं, आखिर तक किसको जाना है । अभी एक सदी हे किस्मत में , या पल में ही मर जाना है ? है तकदीरो का ईश्क पिया , यहां पिया न जाने कौन हुआ ? आँखो से रिश्ते जोड़ेंगे ; बातों से जी भर जाना है ! हम एक दौर के आशिक है सोच समझ के करना ईश्क पिया !! मुझे आखिर तक आते आते ,जन्नत को जी कर जाना है | तुझको बाहों में भरना है तेरी बाहों में मरना है ! सिसक में तेरी आहो के , तेरे भीतर जाना है | पल भर को सजदा करता हूं ,सजदे को ढोंग समझता हूं ? आखिर में सब खो -पाकर , रब के ही घर जाना है | #मृत्यु #आखिर #दर्द #घर #रब #बाँहों #nojotohindi