दुनिया भर क़े कठिन से कठिन सवालों का मैंने जवाब दीया है गुथियाँ भी सुलझाई है लेकिन जो सवाल इस बार मुझसे पूछा गया क़ि "तुम कौन हो? " मै निरुत्तर होगया हूँ और जवाब नहीं ढूंढ पा रहा हूँ अंततः इस सवाल का जवाब पाने क़े लिए आज मै अपने दोनों हाथ मदद क़े लिए ऊपर उठा कर आकाश की ओर कातर दृष्टि से देख रहा हूँ ©Parasram Arora निरुत्तर.......