सारे आश्वासन आज बहाने से लगते हैँ अब तो नए गीतभी पुराने से लगते हैं दूर इस परदेसी पगडंडी पर मिलने वाले अपरिचित भी पहचाने से लगते हैं ©Parasram Arora पहचाने से.....